ज्ञान सूर्य तू इस जगत का
ज्ञान सूर्य तू इस जगत का भीमराव महान
भारत भू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम ~ ~ ~
हम करते है प्रणाम, प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~
|| धृ ||
अमृतकुंड महाड का खुला किया दलितों के लिए भीमरावने
अंधकारमय जीवन उज्वल किया ज्ञान के प्रकाश से भीमरावने
भीमाबाई और रामजी के वे चौदावे रत्न महान
भारत भू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम ~ ~ ~
हम करते है प्रणाम, प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~
|| १ ||
हिन्दू कोड बिल सादर करके स्त्री हक्कों की रक्षा की
गोलमेज परिषद में जाकर, मानवता की रक्षा की
ज्ञान सागर प्राषन करके गूंगे को दिलाई जुबान
भारत भू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम ~ ~ ~
हम करते है प्रणाम, प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~
|| २ ||
स्वतंत्रता का समानता का बंधुभाव और न्याय निति का
पंचशील का कवच बनाकर - २ संविधान लिखा भारत का
भारतरत्न हे भीमराव, विश्व के हे युग पुरुष महान
भारत भू के क्रांतिसूर्य को हम करते है प्रणाम ~ ~ ~
हम करते है प्रणाम, प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~ प्रणाम ~ ~ ~
|| ३ ||
कवि : सुधीर भगत
गायिका : कविता कृष्णमूर्ति
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