Sunday, July 26, 2020

Jay Bhimwale Maut Se - जय भीमवाले मौत से

जय भीमवाले मौत से

जय भीमवाले मौत से दिन रात खेलते है
गोली अगर चले तो सिनपे झेलते है
|| धृ ||
बच्चे वो  भीमजी के अपने पिता की खातिर
अपने बदन से खून भी अक्सर उंडेलते है
|| १ ||
वो पोचीराम, गौतम और मडावे जैसा
जो मरते मरते आखरी जय भीम बोलते है
|| २ ||
फिरका परसतियों से है मेल जोल जिनका
दौलत की आस में वो पापड़ ही बेलते है
|| ३ ||
सुनिए प्रतापसिंगजी फनकार भीमजी के
बहलाके गमजदों को खुद भी बहलते है
|| ४ ||


कवि / गायक : प्रतापसिंग दादा बोदडे

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