संविधन कि है जान मेरे भीम बाबा
॥ धृ ॥
सारी उम्र कि कमाई संविधान में समायी
जरा देखो ना, हां जरा देखो ना - २
बोले सब है भाई भाई, राह जिनेकी दिखलाई
जरा देखो ना, हां जरा देखो ना - २
ऐसा कर गये एहेसान मेरे भीम बाबा - २
मेरे देश कि है शान मेरे भीम बाबा
॥ १ ॥
ना हो कोई आनाकानी, मिले सबको दाना पानी
मेरे देश में, हां मेरे देश में - २
ना हो कोई राजा रानी, सबका नाता हो इंसानी
मेरे देश में, हां मेरे देश में - २
ऐसे प्यारे थे इंसान मेरे भीम बाबा - २
मेरे देश कि है शान मेरे भीम बाबा
॥ २ ॥
सोनेवालो को जगाया, और प्यार से बुलाया
नागपुर में, हो नागपुर में - २
गौतम के दर पर है लाया, जिना इज्जत का सिखलाया
नागपुर में, हो नागपुर में - २
जिना कर गये आसान मेरे भीम बाबा - २
मेरे देश कि है शान मेरे भीम बाबा
॥ ३ ॥
फन का तरजू तोले, होंटो पे सरगम घोले
झुमझुम के, हां झुमझुम के - २
आज नाचे, गाये, डोले, वो प्रतापसिंग भी बोले
झुमझुम के, हां झुमझुम के - २
मेरे गले की है तान मेरे भीम बाबा - २
मेरे देश कि है शान मेरे भीम बाबा
॥ ४ ॥
कवि / गायक : प्रतापसिंग दादा बोदडे
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